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राजनीति में महिला सहभागिताः एक विश्लेषण | Original Article

Vinod Kumar Garg*, Manroop Singh Meena, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

यत्रा नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्रा देवता। भारतीय संस्कृति में नारी सदा ही शक्ति का प्रतीक मानी जाती रही है। हमारे ट्टषियों की मान्यता थी, कि जहाँ नारी को समुचित सम्मान मिलता है, वहाँ देवता निवास करते हैं। वैदिक काल की ट्टषिकाएं हो, चाहे उन्नीसवीं एवं बीसवीं सदी की क्रान्तिकारी महिलाएं, ये नारी शक्ति के विभिन्न रूप है। परन्तु पिफर भी उसे समाज में पितृसत्तात्मकता के कारण पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त नहीं हुए। आज हम स्मृतियों से संविधान तक आ गए हैं, जहाँ कि प्रत्येक क्षेत्रा में पुरुषों के समान अधिकार प्रदान किए गए है। इन अधिकारों की क्रियान्विति के लिए महिलाओं को सशक्त करना आवश्यक है। सरकार द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रमों एवं नीतियों के माध्यम से राजनीति में महिला सहभागिता बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे है। महिलाओं में अपने राजनैतिक अधिकारों के प्रति जागरूकता व राजनैतिक सशक्तीकरण न केवल महिलाओं के विकास के लिए जरूरी है, बल्कि उनकी रचनात्मक क्षमता की सुलभता सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और इसके बिना देश निरन्तर विकास के पथ पर प्रगति नहीं कर सकता। महिलाओं में राजनैतिक जागरूकता एवं सशक्तीकरण के लिए उन्हें शिक्षित करना आवश्यक है। शिक्षित होकर ही वे अपनी राजनीति में भागीदारी को बढ़ा पायेगी।