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गृह निर्मित पेय पदार्थ का महत्व (किशोरावस्था में) एक साहित्य समीक्षा | Original Article

Khushboo Kumari*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

प्रस्तुत साहित्य समीक्षा पत्र गृह निर्मित पेय पदार्थो के महत्व पर आधारित है। किशोरावस्था एक जटिल एंव परिवर्तनात्मक अवस्था है। किशोरो को सही दिशाबोध देना राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है। किशोर दुनिया की कुल आबादी का लगभग पाँचवा हिस्सा है और इसलिए विशिष्ट जरूरते अनिवार्य रूप से विचारणीय हो जाती है। जीवन में पेय पदार्थो का बहुत महत्व है। ये केवल प्यास ही नही बुझाती है बल्कि इसकी सहायता से शरीर के कुछ पोषक तत्वों की मांग की पूत्र्ति की जा सकती है परंतु यहाँ सवाल यह है कि किस तरह के पेय हमारे स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। प्रस्तुत साहित्य समीक्षा पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी जा रही है कि गृह निर्मित पेय पदार्थो बाजारो में मिलने वाले सिंथेटिक पेय पदार्थो की अपेक्षा ज्यादा लाभदायक एंव स्वास्थ्यदायक होते हैं।