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हरियाणा के विद्यालयों में कम शिक्षण दक्षता वाले अध्यापको का तुलनात्मक अध्ययन | Original Article

Vinita Kumari*, Ramesh Kumar, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

अध्यापक समाज का अभिन्न अंग है तथा समाज की संरचना एवं सामाजिक परिवर्तन में अध्यापक-अध्यापिकाओं की अहम भूमिका होती है। प्राचीनकाल मे शिक्षक को समाज में सर्वोत्तकृष्ट स्थान प्राप्त था। सामाजिक क्षेत्र में शिक्षक निर्देशन का अत्यधिक महत्व रखता था। वर्तमान परिस्थितियाँ परिवर्तित हो चुकी है। यह निःसंदेह सत्य है कि प्राचीनकाल में शिक्षकों की ज्ञान पिपासा एवं धार्मिक स्तर उच्च था। यह स्तर वर्तमान मे गिर रहा हैं। शिक्षकों के आत्म सम्मान की भावना में कमी आ रही है। यही कारण है कि अधिकांश व्यक्ति शिक्षक विवशता में बनते हैं। वर्तमान में शिक्षण व्यवसाय बन गया हैं। शिक्षक मात्रकर्मचारी है। अतः शिक्षक अपने महान उद्देश्यों को भूलकर मात्र उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालनकर्ता बन गया हैं।