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पंचवर्षीय योजनाओं का ग्रामीण विकास में महत्व | Original Article

Rajesh Kumar*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

ग्रामीण विकास का अभिप्राय लोगों को होने वाले आर्थिक लाभों के साथ साथ सम्पूर्ण ढांचे में होने वाले अधिकाधिक परिवर्तन से लगाया जाता है। ग्रामीणों के आर्थिक विकास की बेहतर संभावनायें उसी स्थिति में हो सकती हैं जब ग्रामीण विकास प्रक्रिया में अधिकाधिक जनसहभागिता सुनिश्चित की जाये तथा ऋण और निवेश को पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था हो। साथ ही सामाजिक विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, ऊर्जा आपूर्ति, स्वच्छता, आवास आदि की स्थिति में सुधार और ग्रामजनों की मनोवृत्तियों में परिवर्तनी समान रूप से महत्वपूर्ण है। ग्रामीण गरीबी प्रायः कम उत्पादकता, बेरोजगारी तथा अल्प रोजगार केुलस्वरूप होती है। इसलिए गांवों में उत्पादकता और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करनी महत्वपूर्ण हो जाता है। ग्रामीण विकास के राष्ट्रीय कार्यक्रम को अनेक कार्यों का मिश्रण होना चाहिए जिसमें कृषि उत्पादन बढ़ाने वाली नये रोजगार उत्पन्न करने वाली, स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार लाने वाली, संचार सुविधाओं का विस्तार करने वाली तथा आवासीय स्थिति सुधारने वाली परियोजनायें सम्मिलित हों।