मृणाल पाण्डे के साहित्य में सांस्कृतिक जीवन-दर्शन | Original Article
संस्कृति मानव जाति को सुसंस्कृत सभ्य एवं राष्ट्र को एकसूत्र में पिरोने का महत्त्वपूर्ण कार्य करती है। संस्कृति ही मानव को अन्य प्राणियों से अलग करती है और मानव को सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी सिद्ध करती है। मोक्ष, निर्माण एवं भक्ति संस्कृति के ही रूप हैं। भारतीय संस्कृति में पितृ-मातृ भाव और सभ्य आचरण को महत्त्वपूर्ण माना है। भारतीय संस्कृति में समन्वय एवं सामंजस्य की प्रबल भावना है। भारतीय संस्कृति में धार्मिक रीति-रिवाज देवी-देवताओं की पूजा आदि को बहुत महत्त्व दिया गया है।