दिल्ली व हरियाणा राज्य में प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के प्रति लोगों में जागरूकता स्तर का तुलनात्मक अध्ययन | Original Article
प्रस्तुत शोध पत्र दिल्ली व हरियाणा राज्य में प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के प्रति लोगों में जागरूकता स्तर के तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित है। भारत में स्त्री-पुरूष लिंगानुपात में निरन्तर कमी आ रही है। जनगणना 2011 के अनुसार भारत में प्रति 1000 पुरूषों पर 940 महिलाएँ हैं जबकि हरियाणा राज्य में प्रति 1000 पुरूषों की तुलना में मात्र 879 महिलाएँ हैं। वहीं दिल्ली में प्रति हजार पुरूषों की तुलना में मात्र 868 महिलाएँ हैं। इस असंतुलित लिंगानुपात का मुख्य कारण कन्या भ्रूण हत्या है। पुरूष प्रधानता, वंश परम्परा, असुरक्षा की भावना, दहेज प्रथा, एकाकी परिवार की अवधारणा और लोगों की संकीर्ण मानसिकता आदि कारणों से कन्या भ्रूण हत्या की समस्या समाज में निरन्तर गतिमान है। अध्ययन के लिए शोधकर्ता द्वारा 42 बहुउद्देश्यपूर्ण प्रश्नों का प्रयोग किया गया। जिसके लिए 600 उत्तरदाताओं का चयन उद्देश्यपूर्ण विधि द्वारा किया गया। सम्बन्धित आँकड़ों को एकत्रित करने के लिए साक्षात्कार व अनुसूची विधि का प्रयोग किया गया। अध्ययन से स्पष्ट हुआ कि लिंगानुपात की समस्या का समाधान केवल विधायिका एवं कानून द्वारा संभव नहीं है।इसके लिए सामाजिक जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है, जिससे लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाया जा सके।