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इतिहास में कार्य-कारण सम्बन्ध तथा सिद्धान्तो का अध्ययन | Original Article

Krishan .*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

इतिहास एक अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण विषय है। इसका अध्ययन हमें वर्तमान में अतीत वेफ महत्त्व को बताता है तथा भविष्य वेफ लिये हमें नई धरोहर देता है। मानव जाति आज जितनी प्रगति कर चुकी है, उसका आधार वह अतीत ही है जहाँ से उसे ज्ञान मिला है। मनुष्य वेफ लिये इतिहास का ज्ञान बहुत उपयोगी है। भारतीय सभ्यता संसार की सबसे अधिक पुरानी सभ्यता है। इसे चीनी एवं यूनानी सभ्यता की तुलना में अधिक प्राचीन स्वीकार किया जाता है। प्राचीन समय से भारत को कई बार उत्थान और पतन का सामना करना पड़ा, इसलिए प्राचीन भारतीय इतिहास-लेखन में कई बड़े अन्तराल दिखाई पड़ते हैं। फलतः प्राचीन भारतीय इतिहास का अध्ययन सरल नहीं है। इतिहास में कार्य-कारण का अत्यधिक सम्बन्ध है। कारण के अभाव में किसी घटना का होना कदाचित सम्भव नहीं है। कारण व परिणाम एक-दूसरे के पूरक हैं। इस शोध-पत्र में इतिहास में कार्य-कारण सम्बन्ध तथा सिद्धान्तो के अध्ययन पर प्रकाश डाला गया है।