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हरियाणा का आर्थिक विकास: जिला महेन्द्रगढ़ का एक अध्ययन (1966-2001) | Original Article

Neeraj Kumar*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

यह शोध लेख जिला महेन्द्रगढ़ के आर्थिक विकास का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है। हरियाणा राज्य के अलग राज्य बनने से पहले महेन्द्रगढ़ एक पिछड़ा हुआ क्षेत्र था। लेकिर हरियाणा बनने के बाद 1966 से लगातार जिला महेन्द्रगढ़ ने आर्थिक प्रगति की। जिसमें आर्थिक विकास के कारकों कृषि, उद्योग, व्यापार एवं यातायात ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्योंकि हहित क्रान्ति में आगमन के पश्चात् जिले में नई-नई तकनीक अपनाई गई जिससे कृषि उत्पादन लगातार बढ़ा। कृषि विकास के साथ-साथ जिले में औद्योगिक विकास तीव्र गति से नहीं हुआ। लेकिन फिर भी जिले के हस्तशिल्प उद्योगों से निर्मित नाम हरियाणा के अन्य जिलों में बल्कि राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात थी। इसके अतिरिक्त यातायात के संचार ने जिले के व्यापारीक गतिविधियों को काफी गति प्रदान की। क्योंकि यातायात के माध्यम से गांवों व कस्बों को सड़क व रेलवे के माध्यम से बड़े-बड़े नगरों व महानगरों के साथ जोड़ा गया। जिसके परिणामस्वरूप व्यापार को काफी गति मिली व जिले के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।