Article Details

राँची जिला के इण्टरमीडिएट कॉलेज एवं +2 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में इतिहास शिक्षण की स्थिति: एक अध्ययन | Original Article

Niharika Kumari*, Anant Jha, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

मानव ने प्राचीन काल से ही अपनी बौद्धिक चातुर्यता के बल पर सफलता और विकास के सोपाणों की यात्रा प्रारम्भ की है, जिसमें शिक्षा मानव का मूल साधन है। शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास व प्रगति का संकेतक होती है, जो उसे सभ्य, सुसंस्कृत नागरिक के रूप में विकसित, पुष्पित और पल्लवित करती है। समाज और व्यक्ति होनो केग लिए शिक्षा ही वह मूल साधन है जिसके द्वारा आदर्श नागरिकों के निर्माणों की नींव रखी जाती है। शिक्षा या ज्ञान का कक्षा कक्ष में शिक्षकों द्वार शिक्षण व्यव्यस्था के द्वारा होता है जो प्रारंभिक अवस्था से शुरू होकर आगे तक प्रविष्ट होता है। अतः स्वभाविक है कि कक्षा कक्ष में शिक्षकों द्वारा अपनाये जाने वाले शिक्षण पद्धति आधुनिक संसाधनों, उपकरणों, उपागमों, सहायक सामग्रियों से युक्त हो जो प्रभावी शिक्षण की संकल्पनाओं का सकारात्क रूप प्रदान कर सके। प्रस्तुत शोध-पत्र इतिहास विषय की प्रभावी शिक्षण व्यवस्था को ध्यान में रखकर राँची जिला के इन्टरमिडिएट कॉलेजों एवं +2 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के इतिहास विषय में ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर कराये जा रहे शिक्षण व्यवस्था पर आधारित है।