Article Details

मुगल हरम में स्त्रियों की स्थिति, हरम का प्रशासन व हरम के अन्दर की जीवनशैली | Original Article

Sunil Kumar*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

अकबर ने अपने साम्राज्य को शक्तिशाली बनाने के लिए कई राजपूत घरानों से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित किए। 1562 में अकबर ने जोधाभाई से शादी की जो राजा भारमल की पुत्री थी।[1] जोधाभाई का हरम में मुख्य स्थान था। उसी के गर्भ से सलीम का जन्म हुआ। जो अकबर के बाद 1506 में बादशाह बना। जोधाभाई से शादी के बाद अकबर ने भारमल को उच्च मनसब प्रदान किया, जो 5000 का था। जोधाभाई के भाई भगवान दास को अमीर उद दौला की उपाधि अकबर द्वारा दी गई और उसके भतीजे मानसिं को 7000 का दिया गया था। ये सब जोधाभाई के कारण ही हुआ था। इसके अलावा जौधपुर, जैसलमेर आदि राजवाड़ों की राजकुमारियों के साथ अकबर ने शादी की। ये सभी महिलाएँ हरम में अपने पुराने धार्मिक विश्वासों को चलाती रही उन्हें मुस्लिम बनने के लिए बाध्य नहीं किया गया।[2] इस प्रकार साफ है कि अकबर के समय राजनीति में हरम का प्रभाव था।