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सूचना प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भूमिका: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन | Original Article

Suneeta Singh*, Arendra Singh, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

महिलाओं को शताब्दियों से पुरूष की केवल जीवन संगनी माना गया है। उनका अपना कोई निजी अस्तित्व नहीं। ऐसा केवल भारत में ही नहीं पश्चिमी देशों में भी देखा जाता रहा है। यूरोप में 18वीं शताब्दी में हुई प्रौद्योगिकी क्रान्ति के बाद भी स्थिति एवं विचारधारा में कोई अन्तर नहीं आया। विज्ञान एवं इंजीनियरिंग जैसे विषयों में कुछ प्रतिशत लड़कियां ही प्रवेश लेती थी, यांत्रिकी एवं इंजीनियरिंग की शिक्षा महिलाओं के लिए सदैव कठिन कार्य माना गया, क्योंकि इनके लिये महिलाओं को घर के बाहर जाकर कार्य करना पड़ता है, क्योंकि स्त्री को घर की शोभा’ माना जाता था इसलिए उनके लिए यह कार्य बेहद मुश्किल मान लिया गया।