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अभिराज राजेन्द्र मिश्र की कथाओं में काव्य-सौन्दर्य | Original Article

Chaman Lal*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

मनुष्य एक बुद्धिमान एवं चिन्तन करने वाला प्राणी है। भावों की अनुभूति और अभिव्यक्ति उसकी पहचान है। प्राचीन काल से अनुभूति और अभिव्यक्ति को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न माध्यमों का सहारा लिया है। इन माध्यमों में से भाषा सर्वोत्कृष्ट साधन है। भाषा वह माध्यम है, जिसमें हम चिन्तन करते हैं तथा अपने विचारों को अभिव्यक्त करते हैं।