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भारत की विदेश नीति में नेहरू की भूमिका | Original Article

Braham Jeet*, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत की विदेश नीति का चरित्र मुख्यतः दो विचारधाराओं पर निर्भर था - पहला भारत को विश्व के दो शक्तिशाली गुटो अर्थात् अमेरिका के पूंजीपति गुट और सोवियत संघ के साम्यवादी गुट से अलग रहकर एवं अपनी स्वतंत्र पहचान बनाकर देश का विकास करना और दुसरा उनका अंतर्राष्ट्रीय मामलों मे सद्भावाना पूर्वक ईमानदारी से भरा विश्वास उत्पन्न करना था नेहरू का उद्देश्य था कि भारत की स्वतंत्र विदेश नीति हो और विश्व को भारत की विदेश नीति के माध्यम से शांति स्थापित करने का प्रयास था।