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उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थीयों के स्वास्थ्य का उनकी शैक्षिक उपलब्धि पर प्रभाव | Original Article

B. L. Dayma*, Arti Bhatia, in Journal of Advances and Scholarly Researches in Allied Education | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

सामान्य तौर पर देखा जाए तो किसी राष्ट्र की उन्नति उसके नागरिकों के स्वास्थ्य पर ही निर्भर करती है। यदि नागरिक स्वस्थ है तो निश्चित रूप से वह देश भी उन्नति के शिखर पर पहुँच सकता है। बहुत से व्यक्ति स्वास्थ्य के अर्थ को पूर्ण रूप से नहीं समझते। कुछ व्यक्ति बीमारियों से दूर रहने को ही स्वास्थ्य समझते है। कुछ शरीर के सुन्दर होने को ही स्वास्थ्य समझते हैं। कुछ व्यक्तियों के विचार से स्वास्थ्य केवल कार्य करने की क्षमता है, किन्तु यह स्वास्थ्य की संकुचित अवधारणा है। सामान्यतः अस्वस्थता तथा कष्टों का कारण स्वास्थ्य के प्रति ऐसा संकुचित दृष्टिकोण ही है। अतः एक व्यापक एवं सही दृष्टिकोण की जरूरत है जो वास्तविक स्वास्थ्य की ओर ले जा सके, क्योंकि स्वास्थ्य के अन्तर्गत शारीरिक शक्ति, क्षमता तथा सहनशीलता का पर्याप्त भंडार और मानसिक संतुलन भी आता है जिससे दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। इसके अर्थ को हम निम्न परिभाषाओं से स्पष्ट कर सकते हैं। टैवर के अनुसार, ‘‘स्वास्थ्य व्यक्ति की वह स्थिति है, जिससे शरीर और मन सक्रिय होकर सभी कार्य करते हैं।” (Health is that state of man in which body and mind work actively.)-Taver वैबस्टर शब्दकोष के अनुसार, ‘‘यह किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत, भावात्मक एवं शारीरिक स्रोतों को उच्चतम जीवनयापन के लिए सक्रिय रखने की व्यवस्था है।” (it is the state of individual to mobilise his resources of intellectual, emotional and physical for optimum living). - Webster Dictionary विलियम ने स्वास्थ्य को बड़े ही साधारण शब्दों में परिभाषित किया है - ‘‘यह जिन्दगी को सर्वोत्तम ढंग से जीने एवं सेवा करने का गुण है।” (It is the quality life to live most serve best.) - William अतः उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि इसमें सामाजिक, मानसिक, भावात्मक स्वास्थ्य भी शामिल है। स्वास्थ्य का शैक्षिक उपलब्धि पर जानने के लिये प्रस्तुत अध्ययन मे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य स्तर, परिवार द्वारा भोजन पर ध्यान दिया जाना, स्वास्थ्य का अध्ययन पर प्रभाव, परिवार द्वारा स्वास्थ्य की नियमित जांच, विद्यालय में स्वास्थ्य की नियमित जांच, किसी गंभीर बिमारी से ग्रसित होना, विद्यालय से अनुपस्थिति का अध्ययन पर प्रभाव, पढ़ाई में कठिनाई महसूस करना, विद्यालय में आयरन एवम् कैल्सियम की गोलियां नियमित प्रदान करना, घर एवम् विद्यालय में स्वच्छता अभियान एवम् अवकाश लेने की प्रवृति इत्यादि का अध्ययन पर प्रभाव या अध्ययन पर उनका शैक्षिक उपलब्धि को जानने का प्रयास किया गया है।