भारतीय परिवार की आधारशिला है दाम्पत्य। भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के संबंध को जन्मों-जन्मों संबंध माना जाता है। लेकिन आज इस सुदंर रिश्ते की यह अवधारणा भी गलत साबित हो रही है इसके बहुत से कारण है। आज स्त्री शिक्षित है वह अपने वजूद और अधिकारों के प्रति सजग है। बहुत से लोग आज भी पत्नी के बारे में 18 वीं सदी वाली सोच रखते है। आज स्त्री पुरूष के अन्याय का प्रतिकार करती है तो पुरूष उसे अपना अपमान समझता है और वह इस बात को सहन नहीं कर पाता जिससे दात्पत्य जीवन में कलह और मनमुटाव होना शूरू हो जाता है। अहंकार अनैतिकता, विचारो में भिन्नता, यौन अतृप्ति संतान हिनता, संशय, अविश्वास आदि अनेक कारण है जो इस सुंदर रिश्ते की नींव को हिला रहे है।