मध्यकाल में भी सांस्कृतिक गतिविधियों को खूब प्रोत्साहन मिला। अमीर वर्ग सांस्कृतिक गतिविधियों में बहुत धनराशि व्यय करते थे, इनमें से कुछ सांस्कृतिक गतिविधियां उनके स्वयं के लिए तथा कुछ समाज के लोगों की भलाई के लिए भी होती थी। मध्यकाल में भी सामान्यतः मनोरंजन के लगभग वही साधन प्रचलित थे, जो आजकल हैं, यदि कोई विशेष अंतर है तो खेलने के कुछ ढंगों में है।