हरियाणा का शाब्दिक अर्थ-हरि+आना से लिया गया है अर्थात् जिस पावन भूमि पर स्वयं भगवान को चलकर आना पड़ा, ऐसे पावन-प्राचीन प्रदेश में जन्म लेना एक सम्मान व गर्व का विषय मेरे लिए है। वेदो, ब्रह्मण ग्रन्थों, अरण्य ग्रन्थों, बौद्ध और जैन धर्म के पावन ग्रन्थों में हरियाणा का उल्लेख देखने को मिलता है। ‘ऋक् संहिता 6. 2.2 25. 2 में’ रजत हरियाणे पाठ में हरियाणा का वर्णन मिलता है जो इसकी प्राचीनता का द्योतक है।