प्रेमचंद का नाम देदीप्यमान सूर्य की तरह है। यद्यपि वे अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके लेखन कार्य के कारण वे आज भी जिंदा प्रतीत होते है। उन्होंने अपने कार्य से समाज को जो एक नई दिशा दी, उसके कारण उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने हिन्दी साहित्य को अपनी रचना के द्वारा समाज को विभिन्न बुराईयों से सांमतों व पूजींवाद के द्वारा ग्रामीण लोंगो पर किए जाने वाले अत्याचार का आँखो देखा हाल बताया है।
प्रेमचंद जी हिन्दी जगत के महान साहित्यकार कहे जा सकते है। यदयपि उन्होंने अनेक विधाओं जैसे नाटक, उपन्याए कहानी, निबंध पर कार्य किया है। लेकिन उन्होंने अपने उपन्यासों के द्वारा ग्रामीण लोगों की मनोदशा का वर्णन किया है। उन्होंने ग्रामीण जीवन को निकट से देखा है। वे स्वय भी मध्यवर्गीय समाज से सम्बंध रखते थे। यही कारण है कि जब भी हम उनका कोई उपन्यास या कहानी पढ़ते है तो हमें समाज में घटित हो रही सच्चाई का अनुभव प्रतीत होता है।