वर्तमान समय लोकतान्त्रिक प्रणाली का समय है। लोकतंत्र में राजनी राजनैतिक दलो की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्व है। कोई भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था राजनीतिक दल रूपी पहियों के ऊपर ही गतिमान होती है। प्रतिनिधि लोकतंत्र में तो राजनीतिक दलों का महत्व ओर अधिक बढ़ गया है। राजनीतिक दलों का निर्माण मानव स्वभाव के अनुसार होता है क्योंकि एक ही समस्या पर भिन्न-भिन्न व्याक्तियों के भिन्न- भिन्न मत होते है। लोकतान्त्रिक प्रणाली में विपक्ष की भूमिका बहुत महत्व पूर्ण होती है। लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए मजबूत विपक्ष का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। विपक्ष के बिना लोकतान्त्रिक संस्थाएँ एक इंच भी नहीं सरक सकती। अतः विपक्ष के बिना कोई भी शासन व्यवस्था अधूरी है। मेरे इस शोध-पत्र का उद्येश्य भारत में विपक्ष का उदय और उसकी भूमिका को जानने का है।