परमाणु हथियार भी वर्तमान समय में किसी देश की विदेश नीति के संचालक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है जो तकनीकि, सैन्य और कभी-कभी विदेश नीति के संचालक में आर्थिक लाभ का कारण बनता है। बहुत से राष्ट्र परमाणु हथियार को विदेश संबंध स्थापित करने का एक साधन बना लेते है। परमाणु राष्ट्र अन्य से सशर्त संबंध बनाता है। लेकिन भारत ने अपने परमाणु हथियारो की राणनीति को अपने विदेश संबंधो में इस प्रकार फिट किया है कि न तो परमाणु संपन्न राष्ट्र ही इसका गलत लाभ उठा सके तथा न ही भारत ने गैर-परमाणु संपन्न राष्ट्रो पर अनुचित दबाव डाला। फिर भी परमाणु हथियार विदेश नीति का महत्वपूर्ण साधन है।
भारत की परमाणु नीति का अहम् योगदान यह है कि ‘कम संख्या तथा निवारक बल‘ (विश्वसनीय न्यूनतम निवारक) पर बल दिया गया है। भारत ने हमेशा परमाणु हथियारों को कम करने की बात कहीं लेकिन भारत ने एन.पी.टी. पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया क्योकि यह समझौता भेदभाव पूर्ण था। वर्तमान में भारत परमाणु संपन्न राष्ट्रो की सूची में शामिल है लेकिन भारत ने इस आदर्श को अपनाया है कि No First Use भारत कभी-भी परमाणु हथियार का प्रथम प्रयोग नहीं करेगा। और परमाणु हथियारो को कम करने के सकारात्मक तथा भेदभाव रहित समझौतो को बढावा देगा।