बाणभट्ट का आविर्भाव उत्तर भारत के शक्तिशाली वर्धन वंश के समय हुआ। बाणभट्ट की रचनाओं के द्वारा हमें उस समय की सामाजिक व्यवस्था की जानकारी मिलती है। बाणभट्ट कालीन समाज में वर्ण व्यवस्था,जाति प्रथा,अस्पृश्यता ,आश्रम व्यवस्था,पुरूषार्थ, संस्कार, विवाह आदि विभिन्न मान्यताएं प्रचलित थी। समाज में वर्णाश्रम व्यवस्था सामाजिक गठन का आधार थी। बाणभट्ट की रचनाओं से पता चलता है कि पूर्व मध्यकालीन भारत में भी पूर्व की भांति ही प्रथाओं का प्रचलन था।