बाग-बगीचों का निर्माण भारत वर्ष में प्राचीन काल से होता रहा है इन बागों को बौद्ध विहारो तथा मन्दिरों में निर्मित किया जाता था मुगलों के भारत में आगमन के बाद बागों के निर्माण में तेजी आयी उन्होंने अपने मकबरों को बागों के मध्य में निर्मित किया चूँकि अवध सियासत के संस्थापक सआदत खाँ मुगलों के अधीन सूबेदार थे अतः वह मुगलों के इस शौंक से प्रभावित हुए नहीं रह सके कालान्तर में अवध के नवाव जिनमें आसफुद्धौला का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है के समय लखनऊ में अनेक बागो जिनमे ऐश बाग, चारबाग, मोहम्मद बाग, हुस्न बाग आदि अन्य बागो का निर्माण हुआ। इन बागो का अपना विशेष सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक महत्व है।