पर्यावरण की संकल्पना अत्यंत व्यापक है हमारे चारों ओर व्याप्त संसाधन ही जैविक और अजैविक रूप से पर्यावरण की रचना करते हैं यानि पर्यावरण हमारे चारों ओर का आवरण है। मनुष्य भी पर्यावरण संरचना के जैविक घटक का महत्त्वपूर्ण और अभिन्न अंग है चेतना का विकास मानव मस्तिष्क से हुआ है। मस्तिष्क तक पहुँचने वाले आवेग सवेंग, चितंन ही चेतना को जन्म देते हैं।