पशिचम में, जहाँ उपन्यास ने जन्म लिया, इस बात को अनेक चिन्तकों में अनुभव किया कि उपन्यास महाकाव्य का स्थानापन्न है। हीगेल ने यह बात कही और लुकाच ने भी यह स्थापना सामने रखी कि आधुनिक काल में उपन्यास महाकाव्य की उस वर्णनात्मक विशेषता को पकड़ने का एक प्रयत्न है, जो पदार्थ और आत्मा, जीवन और तत्त्व में सामंजस्य स्थापित करती है। यह महाकाव्य का स्थानापन्न है, क्योंकि आधुनिक जीवन की परिसिथतियों ने अब महाकाव्य की रचना को असम्भव बना दिया है।