सूरदास का स्थान न केवल हिन्दी साहित्य में अपितु मध्ययुग की महानतम् विभूतियों में अग्रणी है। ‘सूरदास’ नाम प्रायः अन्धे भक्त गायक के लिए प्रयुक्त होने लगा है। मध्ययुग में इस नाम से कई भक्त कवि और गायक हुए है। सूरदास का जन्म कब हुआ? इस विषय में कई मतभेद हैं परन्तु उनकी तथाकथित रचनाओं ‘साहित्य लहरी’ और ‘सूरसागर सारावली’ के आधार पर यह कहा गया कि उनका जन्म संवत् 1540 वि॰ (सन् 1583ई॰) में हुआ था। परन्तु विद्धानों ने इसे अप्रामणिक सिद्ध कर पुष्टिमार्ग में प्रचलित इस जनश्रुति के आधार पर कि सूरदास श्रीमद्वल्लभाचार्य से 10 दिन छोटे थे, यह निर्धारित किया कि सूरदास का जन्म बैशाख, शुक्ल 5, संवत 1535 वि॰ (सन् 1478 ई॰) को हुआ था।