एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, यह दूसरों की राह को रोशन करने के लिए खुद को जलाता रहता है। भारत एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर है। इस पहलू में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एमिल दुर्खीम ने पहले लिखा था कि शिक्षा वह संस्था है जिसके माध्यम से सामाजिक सदस्यों द्वारा मूल्यों को प्रसारित और अंतर्राष्ट्रीय किया जाता है। सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने में, अच्छे नागरिक बनाने में राष्ट्र निर्माण में, शिक्षा प्रणाली में शिक्षक का महत्व अविश्वसनीय है। शिक्षकों की गुणवत्ता काफी हद तक उनकी व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि और उनकी पेशेवर तैयारी की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। भारतीय शिक्षा आयोग (1964-66) ने रिपोर्ट के शुरुआती वाक्य में सही टिप्पणी की है कि भारतीय की नियति अब उसके क्लास रूम में आकार ले रही है। बयान में कहा गया है कि ष्कोई भी व्यक्ति अपने शिक्षकों के स्तर से ऊपर नहीं उठाया जा सकता हैष् एक सर्वकालिक सत्य है। शिक्षकों की व्यावसायिक तैयारी में ज्ञान, कौशल, क्षमता और मूल्यों का अधिग्रहण शामिल है जो एक शिक्षक को प्रभावी ढंग से और कुशलता से अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में मदद करता है।