आज हिन्दी साहित्य-जगत में नये-नये साहित्यिक आंदोलन जन्म ले रहे हैं, और लेते हैं। इनके बीच सहसा कबीर को क्यों याद किया जाता है? कबीर में ऐसा क्या है जो उन्हें आज के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण बना देता है? तथा उन्हें बार-बार याद किया जाता है कि हम सबको कबीर से शिक्षा लेनी चाहिये एवं उनको पहचानना चाहिये। ये सारे के सारे प्रश्न हमारे सामने आ खड़े होते हैं, तब इन सबका उत्तर हमें कबीर के काव्य में देखना होगा कि वे इन सब में कहां तक उपादेय सिद्ध होते हैं?