मानव जाति के विकास का आधार शिक्षा प्रणाली ही है। आदिकाल से मनुष्य सीखता चला आ रहा है उसने जो सीखा उसे शिक्षा का रूप दिया। अतः शिक्षा मानव समाज की संचित सीख है जिसे वह परम्परा और परिस्थिति के अनुसार ग्रहण करता है। अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का भाव लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था की देन है।