कृषि की अवधारणा
कृषि का अंग्रेजी शब्द Agriculture से लिया गया है जिसकी व्युत्पत्ति लेटिन भाषा के दो शब्दों Agri तथा Culture से हुई हैं इसके अन्तर्गत विद्वानों के अनुसार कृषि के अलावा अन्य कार्य पशुपालन, मुर्गी, मत्स्य, मधुमक्खी पालन भी आते हैं। कृषि को अनेक विद्वानों ने अपने-अपने अनुसार परिभाषित किया है।[1]
जिला कृषि कार्यालय की पृष्ठभूमि
पूर्व में सन 1948 तक सागर जिले का कृषि कार्य का प्रशासन अतिरिक्त सहायक कृषि संचालक जबलपुर के अधीन रहा बाद में यह प्रभार सागर के जिला कृषि अधिकारी को सौंपा गया। तहसील स्तर पर कृषि सहायक तथा जिला स्तर पर जिला कृषि अधिकारी क्रियान्वित किये गये।[2]
सागर विकास कार्यक्रम[3]
(A) सागर जिले के विकास हेतु सामुदायिक विकास कार्यक्रम - इस हेतु सामुदायिक विकासखण्डों का निर्माण किया गया, जिसका प्रारंभ 2 अक्टूबर 1953 को किया गया।
(B) कृषि सुधार कार्यक्रम का क्रियान्वयन - इस हेतु प्रशासन ने सुधरे बीजों का वितरण, रासायनिक खाद वितरण, सन बीजों का वितरण, इमारती वृक्षों का रोपण, लघु सिंचाई साधनों का विस्तार, कम्पोस्ट खाद आदि कार्यक्रम हाथ में लिये।
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात कृषि विभाग के गठन सम्बन्धी कार्यप्रणाली - भारत की स्वतंत्रता के पश्चात म.प्र. का गठन किया गया, इसके बाद नये तरीके से कृषि विभाग का गठन हुआ, कुछ उद्देश्य निर्धारित किये गये। सन् 2007 में कृषि विभाग का नाम- किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग किया गया। वर्तमान में विभाग का मुख्यालय भोपाल है।[4]
म.प्र. शासन में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग का उद्देश्य - प्रमुख उद्देश्य कृषि के क्षेत्र में उन्नति, समग्र विकास प्रशासकीय प्रक्रिया के तहत आयोजित कार्यक्रमों के द्वारा कृषकों को यंत्रीकरण हेतु प् ...