रामायण भारतीय साहित्य का आधार ग्रंथ है। उत्तर भारत में तुलसी रामायण का जो स्थान है, वही केरल में एशुत्तच्छन द्वारा विरचित ‘आध्यात्म रामायण किहिपांट’ का है। सोलहवीं शती में रचित इस लोकप्रिय कृति का पाठ साल में पूरे एक महीने - श्रावण (मलयालम कर्कडकमास) में निरन्तरता से किया जाता है। केरल के प्रसिद्ध त्योहार ओणम से पूर्व यह अनुष्ठान संपन्न होता है। श्रीरामचन्द्र जी की वन यात्रा से केरल का भी संबंध माना जाता है। केरल का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान ‘शबरीमला’ के मार्ग में पंपासर के पास स्थित ‘शबरीपीठ’, वनवास काल में राम-शबरी के दर्शन को प्रमाणित करता है। ‘मला’ शब्द मलयालम में पर्वत के लिए प्रयुक्त होता है।