भारतीय जनगणना 2011 के अनुसार छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या 2.66 करोड़ का 76.7 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है जिसमें ग्रामीण महिलाओं की जनसंख्या 98,10,535 है। छत्तीसगढ़ राज्य अपनी जनसंख्या, खासकर ग्रामीण जनसंख्या, के स्वास्थ्य सुविधाओं एवं जागरूकता में वृद्धि करने की चुनौतियाँ का सामना कर रही है। इसमें मातृ मृत्यु दर, संचारी रोग एवं अन्य स्वास्थ्यगत समस्याएँ प्रमुख है। प्रस्तुत शोध अध्ययन छत्तीसगढ़ राज्य की ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य की स्थिति, उनकी समस्याएं एवं स्वास्थ्यगत संभावनाओं पर आधारित है। छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिला के अंतर्गत आने वाले डोंगरगढ़ विकासखण्ड के अन्तर्गत आने वाले चार गांव - घोटियां, शिवपुरी, देवकट्टा व मोहारा गांव में से प्रत्येक गांव में से 20 यानि कुल 80 उत्तरदाताओं का चयन उद्देश्यपूर्ण निर्देशन प्रविधि से किया गया है। तथ्यों का संकलन साक्षात्कार अनुसूची एवं अवलोकन प्रविधि के द्वारा किया गया। चयनित उत्तरदाताओं से प्राप्त तथ्यों के विष्लेषण से यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि कुल उत्तरदाताओं में से आधे से अधिक महिलाओं उत्तरदाताओं के द्वारा सेनेटरी पेड का उपयोग नहीं किया जाता है। आयु के आधार पर स्वास्थ्यगत भेदभाव से संबंधित प्राप्त तथ्यों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि कुल उत्तरदाताओं में से 75 प्रतिशत उत्तरदाताओं के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है। भारतीय जनगणना 2011 के अनुसार ग्रामीण छत्तीसगढ़ में लिंग अनुपात 10011000 है जो अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। 96.3 प्रतिशत महिलाओं के द्वारा मकान में बने षौचालय का उपयोग किया जा रहा है। अधिकांश उत्तरदाताओं द्वारा केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्यगत योजनाओं का लाभ उठा रही है।