पश्चिम तथा मध्य एशियाई लोगों का भारत पर आक्रमण और आधिपत्य से भारतीय भाषा औेर साहित्य भी प्रभावित हुआ था। चूँकि इन दोनों ओर से आने वाले लोगों की अपनी भाषा और साहित्य भी थी, जिसको वे हटा कर भारतीय भाषा में नहीं समा सकते थे। इसलिए लम्बी अवधि तक उनका भारतीय भाषा और साहित्य से समागम चलना एक ऐतिहासिक प्रक्रिया प्रतीत होती है, खासकर पश्चिमोत्तर भारत और पश्चिम भारत में जो भाषाई उच्चारण में अंतर आदि विद्यमान है, वह इस समागम का परिणाम रहा था। अतः यहाँ पश्चिम और मध्य एशिया से आनेवाली आक्रमक और सत्ता स्थापित करने वाली जातियों के भारतीय भाषा और साहित्य के प्रभाव ढूढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।