जनसंख्या का स्थानान्तरण, देशान्तरण या प्रवसन से तात्पर्य मानव समूह अथवा व्यक्ति के भौगोलिक स्थान सम्बन्धी परिवर्तन से है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार ‘प्रवसन एक प्रकार की भौगोलिक प्रवसित अथवा स्थानिक प्रवसिता है। जो एक भौगोलिक इकाई और दूसरी भौगोलिक इकाई के बीच देखने को मिलती है। जिनमें रहने और पहुँचने का स्थान दोनों भिन्न होते हैं। इस प्रकार प्रवसन स्थायी होता है, क्योंकि इसमें मानव का निवास स्थान स्थायी रूप से परिवर्तित हो जाता है। प्रवसन किसी देश विशेष की जनसंख्या के आकार-वितरण, संरचना को तुरन्त प्रभावित करने वाली एक घटना है, जिससे शीघ्र और आकस्मिक रूप से परिवर्तन आते हैं। जिनकी कल्पना एवं अध्ययन दोनों ही अत्यन्त कठिन हैं। प्रवसन किसी राष्ट्र के आर्थिक उतार-चढ़ाव एवं राष्ट्रीय घटनाओं से गहन रूप से सम्बन्धित होता है। व्यक्तियों का एक स्थान से दूसरे स्थान अथवा देशों को जाना जनसंख्या एवं संरचना में परिवर्तन है।