शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति को जीवकोपार्जन करने एवं भावी जीवन के लिए तैयार करना हैं। जीवकोपार्जन के साथ आत्म प्रतिष्ठा व उन्नति, परिवार की समृद्धि, समाजोत्थान एवं राष्ट्र विकास में भूमिका के लिए उपयुक्त कार्य या व्यवसाय का चयन करना एक दुरूह कार्य है। व्यवसाय चयन में व्यक्ति की व्यावसायिक अभिवृत्ति की अनुकूलता आवश्यक है ताकि वह सफल हो सकें। किशोरावस्था में व्यवसाय अपनाने के प्रति उचित दृष्टिकोण का निर्माण एवं उनकी रूचि, योग्यता एवं आवश्यकता के अनुसार कौशल का विकास हेतु अपने दश में भी माध्यमिक स्तर की शिक्षा (हाईस्कूल) से ही व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की गई है। हाई स्कूल स्तर के विद्यार्थियों की व्यावसायिक अभिवृत्ति के परिपेक्ष्य में यह एक समसामायिक अध्ययन है। इसमें शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय हाईस्कूलों के व्यावसायिक तथा सामान्य विषय के विद्यार्थियों की व्यावसायिक अभिवृत्ति मापन किया गया। मध्यमान, मानक विचलन एवं क्रांतिक अनुपात की गणना कर परिकल्पनाओं का सांख्यिकीय विश्लेषण करने पर व्यावसायिक विषय के विद्यार्थियों में व्यावसायिक अभिवृत्ति का मान अधिक पाया गया एवं यह देखा गया कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों में भी इस पाठ्यक्रम को लेकर जागरुकता उत्पन्न हो रही है। व्यावसायिक अभिवृत्ति के मापन से एक बात उभर कर सम्मुख आती है कि कौशल विकास हेतु उच्च गुणवत्तायुक्त व्यवहारिक व्यावसायिक शिक्षा के साथ माध्यमिक स्तर की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् रोजगार की सुनिश्चितता से इस पाठ्यक्रम के प्रति संशय में कमी होगी। एक विद्यालय में व्यावसायिक विषयों के विविध विकल्प प्रस्तुत करने से एवं उचित निर्देशन व परामर्श की व्यवस्था से विद्यार्थियों को रूचि अनुरूप विषय चयन कर राष्ट्र ...