इतिहास-लेखन के क्षेत्र में यूनानी इतिहासकारों का अद्वितीय योगदान रहा है। उन्होंने केवल पूर्व के लेखकों के वर्णन को अपना आधार न बनाकर खोज और आलोचना के माध्यम से इतिहास-लेखन की ओर ध्यान दिया। वे केवल अपनी पारिवारिक वंश परम्परा में ही रुचि नहीं रखते थे अपितु तत्कालीन भूगोल एवं वातावरण के ज्ञान की प्राप्ति के प्रति भी सजग थे। यही कारण है कि उनके द्वारा लिखित इतिहास में उपरोक्त दोनों तत्व विशद रूप में पाये गये हैं। यूनानियों की तुलना में रोमन इतिहास लेखन की परम्परा का स्वरूप पिछड़ा हुआ है। चूँकि उन्होंने लम्बे समय तक इतिहास-लेखन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, अतः उनका चिन्तन मौलिक नहीं है। इस शोध-पत्र में रोमन और यूनानी इतिहासकारों के लेखन का तुलनात्मक अध्ययन के अध्ययन पर प्रकाश डाला गया है।