किसी प्रजातंत्र में, वृहत्तर सामाजिक पर्यावरण में कानून-व्यवस्था एवं न्यायपालिका महत्त्वपूर्ण घटक हैं। भारत में आधुनिक न्यायपालिका अपने संविधान से व्युत्पन्न करती है, और विधायिका एवं कार्यपालिका के यादृच्छिक निर्णयों पर एक नियंत्रण के रूप में काम करती है। संविधान सभा ने अधिकारों एवं न्याय के संरक्षक के रूप में न्यायपालिका के महत्त्व को पहले ही जान लिया था। जबकि सर्वोच्च न्यायालय भारत में कानून का सबसे बड़ा न्यायालय है, जिसके निर्णय सभी पर समान रूप से बाध्यकारी होते हैं, उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय क्रमशः राज्य एवं ज़िला स्तरों पर न्याय सुनिश्चित करते हैं। न्यायिक पुनरीक्षा एवं जनहित याचिका हेतु प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि कानून का शासन बरकरार रहे, जिससे सभी के लिए एक गौरवमय जीवन एवं न्यायाकूल संबंध प्रस्तुत हों। इस प्रकार, यह इकाई मौटे तौर पर एक विस्तृत