चित्रपट पार्शवगायन परम्परा विशुद्ध रूप से बीसवीं शताब्दी की देन है। पार्शव संगीत का उद्देश्य किसी घटना एवं स्थिति को स्वर-सज्जा के माध्यम से अभिव्यक्त करना है। यह संगीतकार की कल्पना शक्ति पर निर्भर करता है कि वह इस अभिव्यक्ति को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किस प्रकार का पार्शव संगीत रचता है।