प्रस्तुत अध्ययन मनरेगा का छत्तीसगढ़ ग्रामीण समाज के सामाजिक-आर्थिक जीवन पर प्रभाव पर आधारित है। सरकार द्वारा रोजगार की समस्या को दूर करने के लिये अनेक प्रकार की योजनायें ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित कर रही है। सरकार का इस ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने का उद्देश्य यह रहता है कि सभी व्यक्ति अपनी-अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊँचा उठा सके क्योंकि एक अच्छी आय प्राप्त होने से उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार आयेगा और साथ-साथ देश-समाज से गरीबी भी दूर होगी। प्रस्तुत षोध के लिये दैव निदर्शन पद्धति के द्वारा दुर्ग जिला के धमधा तहसील के नंदनी खुंदनी गाँव के 80 उत्तरदाताओं का चयन किया गया। प्राप्त तथ्यों के विश्लेषण से यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश उत्तरदाताओं को मनरेगा योजनार्गत लाभ का स्तर निम्न है जो ग्रामीण लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर प्रभाव डालती है।