आज की कविता उन्नीसवीं सदी की कविता से अलग हो रही है। कविता का रूप, भाव, गेयता, अन्तर्गुण सबके सब परिवर्तित हुए हैं। गत एक सौ वर्षों में संसार, मनुष्य और उसका जीवन पूर्ण रूप से परिवर्तित हुआ है। इस परिवर्तन की प्रतिबिंब उस कविता में भी दर्शनीय है। आधुनिक कविता के कुछ गुण इस प्रकार हैं।
1. काव्यात्मक भाषा का अभाव।
2. प्रतीक, तुक और छंद से छूट।
3. प्रतीकों का प्रयोग केवल सामान्य जीवन से ही होता है।
4. सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग।
5. प्रपंच के समस्त विषयों से हटकर केवल सामान्य परिकल्पनाओं के आधार पर विषय चुनाव।
6. मनोवैज्ञानिक प्रतीकों का प्रयोग।
7. दूसरी भाषाओं की शब्दावली, कहावतें आदि का प्रयोग।
आधुनिक कविता के इन गुणों के आधार पर निराला काव्यों में प्रगतिशील चेतना की विवेचना करना है।