व्यक्ति स्वातंत्र्य के पुजारी, उदारवाद व समाजवाद के बीच संयोजन करने वाले आधुनिक नारीवाद का शंखनाद करने वाले प्रजातंत्र के समर्थक, इंग्लैण्ड के प्रसिद्ध विचारकों में से एक जॉन स्टुअर्ट मिल मुख्यतः अपनी स्वंतत्रता की अवधारणा के कारण प्रसिद्ध हैं, जो उन्हें अन्य विचारकों की श्रेणी से निकालकर एक विशिष्ट पहचान देती है। आज लगभग सभी देश प्रजातंत्रीय शासन व्यवस्था पर विश्वास करते हैं, जिसके अन्तर्गत व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता व न्याय को विशेष महत्त्व दिया जाता है। लेकिन जब से उदारीकरण व वैश्वीकरण का दौर आया है, राज्य के कार्यभार में दिनोदिन बढ़ोत्तरी होती चली जा रही और साथ में व्यक्ति के प्रतिदिन के जीवन में भी राज्य का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है। दूसरी तरफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर आज दुनिया भर में कई सवाल उठाये जा रहे हैं। ऐसे में हमें जॉन स्टुअर्ट मिल की स्वतंत्रता सम्बन्धी अवधारणा पर पुनः सोचने व विचारने की आवश्यकता पड़ जाती है कि जिस व्यक्ति स्वातंत्र्य की उन्होंने खुले शब्दों में वकालत की, क्या आज उसे वैसे ही अमल में लाया जा सकता है या उसमें सुधार की आवश्यकता है।