नारी का वर्तमान भारतीय समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान है। नारी को गृह लक्ष्मी कहा जाता है और वास्तव में नारी घर की शोभालक्ष्मी होती भी है। मोनी जी द्वारा रचित इस कहानी संग्रह में नारी को माँ के रूप में पत्नी के रूप में बेटी प्रेमिका एवं अन्धविश्वासी आदि के रूपों में चित्रित किया गया है। मोनी जी के साहित्य में नारी के विविध आयामों का वर्णन मिलता है।