शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लिए मध्याह्न भोजन योजना | Original Article
शिक्षा के सार्वभौमिकरण की समस्या से निपटने के लिए तथा प्राथमिक शिक्षा को हर व्यक्ति के लिए सुलभ करवाने की दिशा में भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री नरसिम्हाराव ने 15 अगस्त 1995 को मध्याह्न भोजन योजना की शुरूआत की। इसी योजना को और सुचारू ढंग से चलाने के लिए तथा प्रत्येक बच्चे को दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाना। जिसमें 300 कैलोरिज तथा 8-12 ग्राम प्रोटीन की मात्रा को दिये जाने के निर्देश सिविल रिट पैटीशन न. 196/2001 People’s Union for civil Liberties Versus Union of India में दिनांक 20.04.2004 को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गये निर्देशानुसार माननीय प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह ने 15.08.2004 से इस योजना को सरकारी व गैर सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के अन्तर्गत पका पकाया दोपहर का भोजन देने के लिये निर्देश दिये।